Janmashtami 2023: जानें, भगवान श्रीकृष्ण को 16108 कन्याओं से शादी करनी पड़ी क्यों? इसके पीछे क्या कहानी है?

Krishna Janmashtami 2023 भगवान Shree Krishna के दर्शन मात्र से सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अतः साधक श्रद्धा भाव से अपने आराध्य लड्डू गोपाल की सेवा करते हैं। भगवान Shree Krishna की लीला अपरंपार है। उनकी लीलाओं का अंत नहीं है। अनंत काल से भगवान Shree Krishna अपनी लीलाओं के जरिए सृष्टि का संचालन कर रहे हैं।

Krishna Janmashtami 2023

देशभर में जगत के पालनहार भगवान Shree Krishna का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान Shree Krishna के बाल स्वरूप की विशेष पूजा उपासना की जाती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाल गोपाल के दर्शन हेतु मंदिर हेतु आते हैं।

धार्मिक मान्यता है कि भगवान Shree Krishna के दर्शन मात्र से सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। अतः साधक श्रद्धा भाव से अपने आराध्य लड्डू गोपाल की सेवा करते हैं। भगवान Shree Krishna की लीला अपरंपार है। उनकी लीलाओं का अंत नहीं है। सनातन शास्त्रों में भगवान की लीलाओं का वर्णन है। इसमें एक लीला नरकासुर वध का है। असुर नरकासुर के चलते भगवान Shree Krishna को 16000 नारियों संग विवाह करना पड़ा था। आइए, भगवान श्रीकृष्ण के 16108 पत्नियों और नरकासुर वध की कथा जानते हैं-

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Krishna Janmashtami कथा

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भगवान Shree Krishna की 8 पत्नियां रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा थीं। इसके अलावा, 16000 से अधिक कन्याओं संग परिणय सूत्र में बंधे थे। ये महज औपचारिकता थी। किवंदती है कि एक बार नरकासुर का आतंक बहुत बढ़ गया। उसके आतंक से स्वर्ग लोक में हाहाकार मच गया। सत्ता छीनने के डर से स्वर्ग नरेश इंद्र, भगवान के शरण में जाकर रक्षा की कामना की। Krishna Janmashtami

तब भगवान Shree Krishna ने स्वर्ग नरेश इंद्र को आश्वासन दिया कि आप निश्चित रहें,नरकासुर का अंत निकट है। वहीं, अमरता का वरदान पाने के लिए नरकासुर 16000 हजार कन्याओं को बंदी बनाकर एक कारागार में डाल दिया था। कालांतर में भगवान ने 16000 कन्याओं को नरकासुर के कारागार से मुक्त कराया। Krishna Janmashtami

हालांकि, नरकासुर को वरदान प्राप्त था कि उसे कोई पुरुष मार नहीं सकता है। उस समय सत्यभामा की मदद से कृष्ण जी ने नरकासुर का वध किया। वहीं,समाज के कलंक से बचने के लिए 16000 हजार कन्याओं ने भगवान को ही अपना पति मान लिया। तब भगवान 16108 रूप में प्रकट होकर उन कन्याओं से विवाह किया था। Krishna Janmashtami

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