Brihaspati Dev Aarti

॥ बाबा बालक नाथ आरतीShri Baba Balaknath Aarti

Brihaspati Dev Aarti

Shri Baba Balaknath Aarti भगवान बाबा बालक नाथ की पूजा-अर्चना का एक महत्वपूर्ण अंग है। बाबा बालक नाथ जी को सिद्ध बाबा और देवताओं के सर्वोच्च गुरु माना जाता है और उन्हें पूजन करने से भक्त की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।

बाबा बालक नाथ आरती का पाठ करने से मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है। यह हमें श्रद्धा, भक्ति, और आत्मविश्वास से परिपूर्ण बनाता है और हमारे मन को पवित्र करता है।

बाबा बालक नाथ आरती के पाठ से भक्त को बाबा बालक नाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उन्हें सभी प्रकार की दुर्गति और बुराई से मुक्ति मिलती है। भगवान बाबा बालक नाथ जी की कृपा से भक्त का जीवन सुखमय बनता है और उन्हें सभी संकटों से रक्षा मिलती है।

Source: BBN

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॥ बाबा बालक नाथ आरती लिरिक्स ॥ Shri Baba Balaknath Aarti Lyrics॥

Brihaspati Dev Aarti

Baba Balaknath Aarti को प्रार्थना, भक्ति, और समर्पण का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है, जो हमें आध्यात्मिक उन्नति और भगवान के अनुग्रह की प्राप्ति में सहायक होता है। इसे नियमित रूप से पाठ करने से भक्त को आनंद, सुख, और शांति की प्राप्ति होती है, और उन्हें बाबा बालक नाथ जी के करीब आने का सौभाग्य मिलता है।

ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया,
दस जनों की नैया,
भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

बालक उमर सुहानी,
नाम बालक नाथा,
अमर हुए शंकर से,
सुन के अमर गाथा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

शीश पे बाल सुनैहरी,
गले रुद्राक्षी माला,
हाथ में झोली चिमटा,
आसन मृगशाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

सुंदर सेली सिंगी,
वैरागन सोहे,
गऊ पालक रखवालक,
भगतन मन मोहे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

अंग भभूत रमाई,
मूर्ति प्रभु रंगी,
भय भज्जन दुःख नाशक,
भरथरी के संगी ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

रोट चढ़त रविवार को,
फल, फूल मिश्री मेवा,
धुप दीप कुदनुं से,
आनंद सिद्ध देवा ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

भक्तन हित अवतार लियो,
प्रभु देख के कल्लू काला,
दुष्ट दमन शत्रुहन,
सबके प्रतिपाला ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

श्री बालक नाथ जी की आरती,
जो कोई नित गावे,
कहते है सेवक तेरे,
मन वाच्छित फल पावे ।
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

ॐ जय कलाधारी हरे,
स्वामी जय पौणाहारी हरे,
भक्त जनों की नैया,
भव से पार करे,
ॐ जय कलाधारी हरे ॥

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