Brihaspati Dev Aarti

॥ माँ अन्नपूर्णा आरतीMaa Annapurna Aarti

Brihaspati Dev Aarti

Maa Annapurna Aarti के पाठ से भक्त का मन और बुद्धि शुद्ध होती है और उन्हें दया, दानशीलता, और करुणा की भावना से भर देती है। भक्त इस आरती के द्वारा माँ अन्नपूर्णा के ध्यान में रहकर अपने कष्टों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और उन्हें आशीर्वाद मिलता है कि उनके जीवन में सभी प्रकार के भोजन की कमी न हो।

Maa Annapurna Aarti के प्रतिदिनी पाठ से भक्त के जीवन में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य, धन, समृद्धि, और सभी प्रकार के विकास की प्राप्ति होती है। भक्त अन्नपूर्णा माँ के चरणों में अपने मन को शुद्ध करके सफलता के द्वार खोलते हैं और उन्हें श्रेष्ठता की प्राप्ति होती है।

Source: Worldwide Records Bhakti Sagar

Brihaspati Dev Aarti

॥ माँ अन्नपूर्णा आरती लिरिक्स ॥ Maa Annapurna Aarti

Brihaspati Dev Aarti

अन्नपूर्णा माँ एक शक्तिशाली देवी हैं, जिन्हें हिंदू धर्म में अन्न, भोजन और पोषण की देवी माना जाता है। उन्हें समस्त जगत की अन्नधान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। अन्नपूर्णा की आरती का पाठ करने से भक्तों को अन्न की प्राप्ति, संपत्ति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।

जो नहीं ध्यावे तुम्हें अम्बिके,
कहां उसे विश्राम ।
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो,
लेत होत सब काम ॥

बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।

प्रलय युगान्तर और जन्मान्तर,
कालान्तर तक नाम ।
सुर सुरों की रचना करती,
कहाँ कृष्ण कहाँ राम ॥

बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।

चूमहि चरण चतुर चतुरानन,
चारु चक्रधर श्याम ।
चंद्रचूड़ चन्द्रानन चाकर,
शोभा लखहि ललाम ॥

बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।

देवि देव! दयनीय दशा में,
दया-दया तब नाम ।
त्राहि-त्राहि शरणागत वत्सल,
शरण रूप तब धाम ॥

बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।

श्रीं, ह्रीं श्रद्धा श्री ऐ विद्या,
श्री क्लीं कमला काम ।
कांति, भ्रांतिमयी, कांति शांतिमयी,
वर दे तू निष्काम ॥

बारम्बार प्रणाम,
मैया बारम्बार प्रणाम ।

॥ माता अन्नपूर्णा की जय ॥

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