श्री आदिनाथ चालीसा (Shree Aadinath Chalisa) Hindi PDF Download
Aadinath Chalisa एक प्रसिद्ध हिंदी धार्मिक स्तोत्र है, जो भगवान आदिनाथ (रिषभनाथ) की महिमा और उनके दिव्य गुणों की प्रशंसा करता है। भगवान आदिनाथ हिंदू धर्म में प्रथम तीर्थंकर माने जाते हैं और उन्हें जैन धर्म के महावीर भगवान का अवतार माना जाता है। Aadinath Chalisa को विशेषकर जैन धर्म के अनुयायी और भक्तों द्वारा पाठ किया जाता है।
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॥ श्री आदिनाथ चालीसा लिरिक्स ॥ Shree Aadinath Chalisa Lyrics॥
॥ दोहा॥
शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन को, करूं प्रणाम ।
उपाध्याय आचार्य का, ले सुखकारी नाम ॥
सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार ।
आदिनाथ भगवान को, मन मन्दिर में धार ॥
॥ चौपाई ॥
जै जै आदिनाथ जिन स्वामी ।
तीनकाल तिहूं जग में नामी ॥
वेष दिगम्बर धार रहे हो ।
कर्मो को तुम मार रहे हो ॥
हो सर्वज्ञ बात सब जानो ।
सारी दुनियां को पहचानो ॥
नगर अयोध्या जो कहलाये ।
राजा नाभिराज बतलाये ॥4॥
मरुदेवी माता के उदर से ।
चैत वदी नवमी को जन्मे ॥
तुमने जग को ज्ञान सिखाया ।
कर्मभूमी का बीज उपाया ॥
कल्पवृक्ष जब लगे बिछरने ।
जनता आई दुखड़ा कहने ॥
सब का संशय तभी भगाया ।
सूर्य चन्द्र का ज्ञान कराया ॥8॥
खेती करना भी सिखलाया ।
न्याय दण्ड आदिक समझाया ॥
तुमने राज किया नीति का ।
सबक आपसे जग ने सीखा ॥
पुत्र आपका भरत बताया ।
चक्रवर्ती जग में कहलाया ॥
बाहुबली जो पुत्र तुम्हारे ।
भरत से पहले मोक्ष सिधारे ॥12॥
सुता आपकी दो बतलाई ।
ब्राह्मी और सुन्दरी कहलाई ॥
उनको भी विध्या सिखलाई ।
अक्षर और गिनती बतलाई ॥
एक दिन राजसभा के अंदर ।
एक अप्सरा नाच रही थी ॥
आयु उसकी बहुत अल्प थी ।
इसलिए आगे नहीं नाच रही थी ॥16॥
विलय हो गया उसका सत्वर ।
झट आया वैराग्य उमड़कर ॥
बेटो को झट पास बुलाया ।
राज पाट सब में बंटवाया ॥
छोड़ सभी झंझट संसारी ।
वन जाने की करी तैयारी ॥
राव हजारों साथ सिधाए ।
राजपाट तज वन को धाये ॥20॥
लेकिन जब तुमने तप किना ।
सबने अपना रस्ता लीना ॥
वेष दिगम्बर तजकर सबने ।
छाल आदि के कपड़े पहने ॥
भूख प्यास से जब घबराये ।
फल आदिक खा भूख मिटाये ॥
तीन सौ त्रेसठ धर्म फैलाये ।
जो अब दुनियां में दिखलाये ॥24॥
छै: महीने तक ध्यान लगाये ।
फिर भजन करने को धाये ॥
भोजन विधि जाने नहि कोय ।
कैसे प्रभु का भोजन होय ॥
इसी तरह बस चलते चलते ।
छः महीने भोजन बिन बीते ॥
नगर हस्तिनापुर में आये ।
राजा सोम श्रेयांस बताए ॥28॥
याद तभी पिछला भव आया ।
तुमको फौरन ही पड़धाया ॥
रस गन्ने का तुमने पाया ।
दुनिया को उपदेश सुनाया ॥
पाठ करे चालीसा दिन ।
नित चालीसा ही बार ॥
चांदखेड़ी में आय के ।
खेवे धूप अपार ॥32॥
जन्म दरिद्री होय जो ।
होय कुबेर समान ॥
नाम वंश जग में चले ।
जिनके नहीं संतान ॥
तप कर केवल ज्ञान पाया ।
मोक्ष गए सब जग हर्षाया ॥
अतिशय युक्त तुम्हारा मन्दिर ।
चांदखेड़ी भंवरे के अंदर ॥36॥
उसका यह अतिशय बतलाया ।
कष्ट क्लेश का होय सफाया ॥
मानतुंग पर दया दिखाई ।
जंजीरे सब काट गिराई ॥
राजसभा में मान बढ़ाया ।
जैन धर्म जग में फैलाया ॥
मुझ पर भी महिमा दिखलाओ ।
कष्ट भक्त का दूर भगाओ ॥40॥
॥ सोरठा ॥
पाठ करे चालीसा दिन, नित चालीसा ही बार ।
चांदखेड़ी में आय के, खेवे धूप अपार ॥
जन्म दरिद्री होय जो, होय कुबेर समान ।
नाम वंश जग में चले, जिनके नहीं संतान ॥
श्री Aadinath Chalisa की महत्वपूर्ण विशेषताएं
Aadinath Chalisa एक प्रसिद्ध हिंदी धार्मिक स्तोत्र है, जो भगवान आदिनाथ (रिषभनाथ) की महिमा और उनके दिव्य गुणों की प्रशंसा करता है। भगवान आदिनाथ हिंदू धर्म में प्रथम तीर्थंकर माने जाते हैं और उन्हें जैन धर्म के महावीर भगवान का अवतार माना जाता है। Aadinath Chalisa को विशेषकर जैन धर्म के अनुयायी और भक्तों द्वारा पाठ किया जाता है।
आदिनाथ की पूजा: Aadinath Chalisa के पाठ से भक्त भगवान आदिनाथ की पूजा करते हैं और उनके दिव्य गुणों की स्तुति करते हैं।
धार्मिक उपदेश: Aadinath Chalisa में आदिनाथ भगवान के अद्भुत उपदेश और धार्मिक ज्ञान का वर्णन होता है, जो भक्त के जीवन में साधारणता और सम्यक्त्व का विकास करते हैं।
मोक्ष की प्राप्ति: Aadinath Chalisa के पाठ से भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है और उन्हें आदिनाथ भगवान के आशीर्वाद से संसार के बन्धन से मुक्ति मिलती है।
आध्यात्मिक उन्नति: Aadinath Chalisa के पाठ से भक्त के आत्मा में आध्यात्मिक उन्नति और संवेदना का संबल विकसित होता है।
धार्मिक अर्थ: Aadinath Chalisa धार्मिकता, भक्ति और सम्यक्त्व के मार्ग में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करती है।
इस प्रकार, Aadinath Chalisa भगवान आदिनाथ के भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक पाठ है, जो उन्हें उनके आदर्श गुरु और सर्वशक्तिमान भगवान की स्तुति करने के लिए प्रेरित करता है।