श्री शीतला चालीसा (Shree Sheetala Chalisa) Hindi PDF Download
Sheetala Chalisa एक प्रसिद्ध हिंदी धार्मिक स्तोत्र है, जो भगवती शीतला माता की महिमा और उनके आशीर्वाद से जुड़े धार्मिक उपकारों की प्रशंसा करता है। भगवती शीतला माता को भारतीय धर्म में आपदा और विषाणु रोगों की रक्षक देवी माना जाता है। उन्हें सर्दी-जुकाम, फूँसी, खांसी, मसूड़ों से संबंधित रोगों की रक्षा करने का शक्तिशाली स्वरूप दिया जाता है। Sheetala Chalisa को विशेषकर शीतला अष्टमी जैसे धार्मिक उत्सवों पर भक्तों द्वारा पाठ किया जाता है।
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॥ श्री शीतला चालीसा लिरिक्स ॥ Shree Sheetala Chalisa Lyrics॥
॥ दोहा॥
जय जय माता शीतला , तुमहिं धरै जो ध्यान ।
होय विमल शीतल हृदय, विकसै बुद्धी बल ज्ञान ॥
घट-घट वासी शीतला, शीतल प्रभा तुम्हार ।
शीतल छइयां में झुलई, मइयां पलना डार ॥
॥ चौपाई ॥
जय-जय-जय श्री शीतला भवानी ।
जय जग जननि सकल गुणधानी ॥
गृह-गृह शक्ति तुम्हारी राजित ।
पूरण शरदचंद्र समसाजित ॥
विस्फोटक से जलत शरीरा ।
शीतल करत हरत सब पीड़ा ॥
मात शीतला तव शुभनामा ।
सबके गाढे आवहिं कामा ॥4॥
शोक हरी शंकरी भवानी ।
बाल-प्राणक्षरी सुख दानी ॥
शुचि मार्जनी कलश करराजै ।
मस्तक तेज सूर्य सम साजै ॥
चौसठ योगिन संग में गावैं ।
वीणा ताल मृदंग बजावै ॥
नृत्य नाथ भैरौं दिखलावैं ।
सहज शेष शिव पार ना पावैं ॥8॥
धन्य धन्य धात्री महारानी ।
सुरनर मुनि तब सुयश बखानी ॥
ज्वाला रूप महा बलकारी ।
दैत्य एक विस्फोटक भारी ॥
घर घर प्रविशत कोई न रक्षत ।
रोग रूप धरी बालक भक्षत ॥
हाहाकार मच्यो जगभारी ।
सक्यो न जब संकट टारी ॥12॥
तब मैंय्या धरि अद्भुत रूपा ।
कर में लिये मार्जनी सूपा ॥
विस्फोटकहिं पकड़ि कर लीन्हो ।
मूसल प्रमाण बहुविधि कीन्हो ॥
बहुत प्रकार वह विनती कीन्हा ।
मैय्या नहीं भल मैं कछु कीन्हा ॥
अबनहिं मातु काहुगृह जइहौं ।
जहँ अपवित्र वही घर रहि हो ॥16॥
अब भगतन शीतल भय जइहौं ।
विस्फोटक भय घोर नसइहौं ॥
श्री शीतलहिं भजे कल्याना ।
वचन सत्य भाषे भगवाना ॥
पूजन पाठ मातु जब करी है ।
भय आनंद सकल दुःख हरी है ॥
विस्फोटक भय जिहि गृह भाई ।
भजै देवि कहँ यही उपाई ॥20॥
कलश शीतलाका सजवावै ।
द्विज से विधीवत पाठ करावै ॥
तुम्हीं शीतला, जगकी माता ।
तुम्हीं पिता जग की सुखदाता ॥
तुम्हीं जगद्धात्री सुखसेवी ।
नमो नमामी शीतले देवी ॥
नमो सुखकरनी दु:खहरणी ।
नमो- नमो जगतारणि धरणी ॥24॥
नमो नमो त्रलोक्य वंदिनी ।
दुखदारिद्रक निकंदिनी ॥
श्री शीतला , शेढ़ला, महला ।
रुणलीहृणनी मातृ मंदला ॥
हो तुम दिगम्बर तनुधारी ।
शोभित पंचनाम असवारी ॥
रासभ, खर , बैसाख सुनंदन ।
गर्दभ दुर्वाकंद निकंदन ॥28॥
सुमिरत संग शीतला माई,
जाही सकल सुख दूर पराई ॥
गलका, गलगन्डादि जुहोई ।
ताकर मंत्र न औषधि कोई ॥
एक मातु जी का आराधन ।
और नहिं कोई है साधन ॥
निश्चय मातु शरण जो आवै ।
निर्भय मन इच्छित फल पावै ॥32॥
कोढी, निर्मल काया धारै ।
अंधा, दृग निज दृष्टि निहारै ॥
बंध्या नारी पुत्र को पावै ।
जन्म दरिद्र धनी होइ जावै ॥
मातु शीतला के गुण गावत ।
लखा मूक को छंद बनावत ॥
यामे कोई करै जनि शंका ।
जग मे मैया का ही डंका ॥36॥
भगत ‘कमल’ प्रभुदासा ।
तट प्रयाग से पूरब पासा ॥
ग्राम तिवारी पूर मम बासा ।
ककरा गंगा तट दुर्वासा ॥
अब विलंब मैं तोहि पुकारत ।
मातृ कृपा कौ बाट निहारत ॥
पड़ा द्वार सब आस लगाई ।
अब सुधि लेत शीतला माई ॥40॥
॥ दोहा ॥
यह चालीसा शीतला, पाठ करे जो कोय ।
सपनें दुख व्यापे नही, नित सब मंगल होय ॥
बुझे सहस्र विक्रमी शुक्ल, भाल भल किंतू ।
जग जननी का ये चरित, रचित भक्ति रस बिंतू ॥
॥ इति श्री शीतला चालीसा ॥
श्री Sheetala Chalisa की महत्वपूर्ण विशेषताएं
Sheetala Chalisa एक प्रसिद्ध हिंदी धार्मिक स्तोत्र है, जो भगवती शीतला माता की महिमा और उनके आशीर्वाद से जुड़े धार्मिक उपकारों की प्रशंसा करता है। भगवती शीतला माता को भारतीय धर्म में आपदा और विषाणु रोगों की रक्षक देवी माना जाता है। उन्हें सर्दी-जुकाम, फूँसी, खांसी, मसूड़ों से संबंधित रोगों की रक्षा करने का शक्तिशाली स्वरूप दिया जाता है। Sheetala Chalisa को विशेषकर शीतला अष्टमी जैसे धार्मिक उत्सवों पर भक्तों द्वारा पाठ किया जाता है।
रोग निवारण: Sheetala Chalisa के पाठ से भगवती शीतला माता की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति को सर्दी-जुकाम, फूँसी और मसूड़ों से संबंधित रोगों से निजात मिलती है।
आपदा से रक्षा: Sheetala Chalisa के पाठ से भक्त भगवती शीतला माता से आपदा और विषाणु रोगों से रक्षा की कामना करते हैं और उनकी कृपा से सुरक्षित रहने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
भक्ति और समर्पण: Sheetala Chalisa के पाठ से भक्त भगवती शीतला माता को समर्पित होते हैं और उनके प्रति भक्ति और सेवा का संकल्प लेते हैं।
सुख और समृद्धि: Sheetala Chalisa के पाठ से भक्त को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है और उन्हें भगवती शीतला माता के आशीर्वाद से आनंदित जीवन मिलता है।
धार्मिक अर्थ: Sheetala Chalisa धार्मिकता, भक्ति और शक्ति के मार्ग में आगे बढ़ने की प्रेरणा प्रदान करती है।
इस प्रकार, Sheetala Chalisa भगवती शीतला माता के भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक पाठ है, जो उन्हें रोग निवारण और सुरक्षा, समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है।