Brihaspati Dev Aarti

॥ श्री शनिदेव आरतीShree Shani Dev Aarti

Brihaspati Dev Aarti

Shree Shani Dev Aarti के पाठ से भक्त के जीवन में उच्च स्तर पर श्रद्धा, विश्वास, और सबुरी की प्राप्ति होती है। भक्त इस आरती के द्वारा शनि देव भगवान के समर्थन में रहकर अपने कर्मों को शुद्ध करते हैं और उनसे समस्त कष्टों का निवारण प्राप्त करते हैं।

Shree Shani Dev Aarti के पाठ से भक्त को संकटों से मुक्ति, सुख-शांति, और धैर्य की प्राप्ति होती है। भक्त इस आरती के द्वारा शनि देव भगवान के आशीर्वाद से समस्त दुर्भावनाओं से मुक्त होकर जीवन में समृद्धि और उत्तरोत्तर प्रगति की प्राप्ति करते हैं।

Source: Sonotek Bhakti

Brihaspati Dev Aarti

॥ श्री शनिदेव आरती लिरिक्स ॥ Shree Shani Dev Aarti

Brihaspati Dev Aarti

शनि देव भगवान हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखते हैं। उन्हें कर्मफल के देवता माना जाता है, जिन्हें व्यक्ति के कर्मों का फल देने वाले और उन्हें उनके गुणों के आधार पर बदलने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। शनि देव की आरती के पाठ से भक्तों को कर्मफल, संघटनशक्ति, और अपराधों के प्रायश्चित का विधान होता है।

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।
सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।
नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

क्रीट मुकुट शीश रजित दिपत है लिलारी ।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

देव दनुज ऋषि मुनि सुमरिन नर नारी ।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥
॥ जय जय श्री शनिदेव..॥

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श्री शनिदेव आरती (Shree Shani Dev Aarti) Hindi PDF Download

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