Brihaspati Dev Aarti

॥ श्री लक्ष्मीजी आरतीLaxmi Mata Aarti

Brihaspati Dev Aarti

Laxmi Mata Aarti भगवान विष्णु की धर्मपत्नी और धन, समृद्धि, और सौभाग्य की देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना का एक महत्वपूर्ण अंग है। लक्ष्मीजी को समृद्धि, सौभाग्य, और सम्पत्ति की देवी माना जाता है और उन्हें पूजन करने से भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

लक्ष्मीजी आरती का पाठ करने से मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है। यह हमें समृद्धि, धन, और सौभाग्य की भावना से परिपूर्ण बनाता है और हमारे जीवन को धनवान बनाता है।

लक्ष्मीजी आरती के पाठ से भक्त के सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और उन्हें धन, समृद्धि, और भविष्य में सफलता की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की कृपा से भक्त का मनोकामना से पूर्ण होता है और उन्हें सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।

Source: Bhajan Shrinkhla

Brihaspati Dev Aarti

॥ श्री लक्ष्मीजी आरती लिरिक्स ॥ Laxmi Mata Aarti Lyrics॥

Brihaspati Dev Aarti

भगवान विष्णु की अर्धांगिनी माता लक्ष्मी का आह्वान भक्तजन साप्ताहिक दिन शुक्रवारगुरुवारवैभव लक्ष्मी व्रत तथा दीपावली में लक्ष्मी पूजन के दिन मुख्यतया अधिक करते हैं, जिसके अंतरगत भक्त माँ लक्ष्मी की आरती करने है।

महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।
हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥

पद्मालये नमस्तुभ्यं,
नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।
सर्वभूत हितार्थाय,
वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

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श्री लक्ष्मीजी आरती (Laxmi Mata Aarti) Hindi PDF Download

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