Brihaspati Dev Aarti

॥ माँ सरस्वती की आरतीMaa Saraswati Aarti

Brihaspati Dev Aarti

Maa Saraswati Aarti हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह आरती उन्हें समर्पित है, जिन्हें विद्या, बुद्धि, कला, संगीत और विज्ञान की देवी माना जाता है। इस आरती के द्वारा भक्त उन्हें अपने मन से प्रार्थना करते हैं और उनकी कृपा और आशीर्वाद का अनुभव करते हैं।

आरती के पठन से विद्या के क्षेत्र में सफलता के लिए आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके माध्यम से भक्त अपने मन को शुद्ध करके ज्ञान, समझदारी और बुद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। माँ सरस्वती की आरती भगवान की स्तुति के साथ-साथ उनके गुणों को स्मरण करने का भी अवसर प्रदान करती है।

Source: T-Series Bhakti Sagar

Brihaspati Dev Aarti

॥ माँ सरस्वती की आरती लिरिक्स ॥ Maa Saraswati Aarti

Brihaspati Dev Aarti

सरस्वती माता की आरती को रोज़ाना पढ़ने से जीवन में ज्ञान, बुद्धि, और कला की वृद्धि होती है और व्यक्ति को सफलता के पथ पर आगे बढ़ने में मदद मिलती है। यह आरती भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है और समस्त संसार की शांति और कल्याण की कामना करती है।

माँ सरस्वती की आरती उनके भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसका प्रार्थना करने से उन्हें ज्ञान, बुद्धि, कला, और संस्कृति की प्राप्ति होती है।

जय सरस्वती माता,
मैया जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥
जय जय सरस्वती माता…॥

चन्द्रवदनि पद्मासिनि,
द्युति मंगलकारी ।
सोहे शुभ हंस सवारी,
अतुल तेजधारी ॥
जय जय सरस्वती माता…॥

बाएं कर में वीणा,
दाएं कर माला ।
शीश मुकुट मणि सोहे,
गल मोतियन माला ॥
जय जय सरस्वती माता…॥

देवी शरण जो आए,
उनका उद्धार किया ।
पैठी मंथरा दासी,
रावण संहार किया ॥
जय जय सरस्वती माता…॥

विद्या ज्ञान प्रदायिनि,
ज्ञान प्रकाश भरो ।
मोह अज्ञान और तिमिर का,
जग से नाश करो ॥
जय जय सरस्वती माता…॥

धूप दीप फल मेवा,
माँ स्वीकार करो ।
ज्ञानचक्षु दे माता,
जग निस्तार करो ॥
॥ जय सरस्वती माता…॥

माँ सरस्वती की आरती,
जो कोई जन गावे ।
हितकारी सुखकारी,
ज्ञान भक्ति पावे ॥
जय जय सरस्वती माता…॥

जय सरस्वती माता,
जय जय सरस्वती माता ।
सदगुण वैभव शालिनी,
त्रिभुवन विख्याता ॥

Brihaspati Dev Aarti

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