Brihaspati Dev Aarti

॥ सन्तोषी माता आरतीSantoshi Mata Aarti

Brihaspati Dev Aarti

Santoshi Mata Aarti भगवान शुक्र की एक प्रिय भक्त होने वाली देवी सन्तोषी माता की पूजा-अर्चना का एक महत्वपूर्ण अंग है। सन्तोषी माता को खुशी और संतोष की देवी माना जाता है और उन्हें पूजन करने से भगवान शुक्र की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Santoshi Mata Aarti का पाठ करने से मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है। यह हमें संतुष्टि, समृद्धि, और सम्मान की भावना से भर देता है और हमारे जीवन को सुखमय बनाता है।

सन्तोषी माता आरती के पाठ से भक्त की इच्छाओं की पूर्ति होती है और उन्हें धन, सम्पत्ति, और सफलता की प्राप्ति होती है। भगवान शुक्र की कृपा से भक्त का मनोकामना से पूर्ण होता है और उन्हें समस्त संकटों से मुक्ति मिलती है।

Source: Bhajan Shrinkhla

Brihaspati Dev Aarti

॥ सन्तोषी माता आरती लिरिक्स ॥ Santoshi Mata Aarti Lyrics॥

Brihaspati Dev Aarti

सन्तोषी माता आरती को प्रार्थना, भक्ति, और समर्पण का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है, जो हमें ईश्वरीय अनुग्रह प्राप्त करने में सहायक होता है। इसे नियमित रूप से पाठ करने से भक्त को संतुष्टि, समृद्धि, और सम्मान की प्राप्ति होती है, और उन्हें आध्यात्मिक उन्नति का अनुभव होता है।

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

सुन्दर चीर सुनहरी,
मां धारण कीन्हो ।
हीरा पन्ना दमके,
तन श्रृंगार लीन्हो ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

गेरू लाल छटा छबि,
बदन कमल सोहे ।
मंद हंसत करुणामयी,
त्रिभुवन जन मोहे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

स्वर्ण सिंहासन बैठी,
चंवर दुरे प्यारे ।
धूप, दीप, मधु, मेवा,
भोज धरे न्यारे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

गुड़ अरु चना परम प्रिय,
तामें संतोष कियो ।
संतोषी कहलाई,
भक्तन वैभव दियो ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

शुक्रवार प्रिय मानत,
आज दिवस सोही ।
भक्त मंडली छाई,
कथा सुनत मोही ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

मंदिर जग मग ज्योति,
मंगल ध्वनि छाई ।
विनय करें हम सेवक,
चरनन सिर नाई ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

भक्ति भावमय पूजा,
अंगीकृत कीजै ।
जो मन बसे हमारे,
इच्छित फल दीजै ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

दुखी दारिद्री रोगी,
संकट मुक्त किए ।
बहु धन धान्य भरे घर,
सुख सौभाग्य दिए ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

ध्यान धरे जो तेरा,
वांछित फल पायो ।
पूजा कथा श्रवण कर,
घर आनन्द आयो ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

चरण गहे की लज्जा,
रखियो जगदम्बे ।
संकट तू ही निवारे,
दयामयी अम्बे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ॥

सन्तोषी माता की आरती,
जो कोई जन गावे ।
रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति,
जी भर के पावे ॥

जय सन्तोषी माता,
मैया जय सन्तोषी माता ।
अपने सेवक जन की,
सुख सम्पति दाता ॥

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सन्तोषी माता आरती (Santoshi Mata Aarti) Hindi PDF Download

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