॥ तुलसी माता आरती ॥ Tulsi Mata Aarti॥
Tulsi Mata Aarti भगवान विष्णु की एक प्रिय भक्त होने वाली माता तुलसी की पूजा-अर्चना का एक महत्वपूर्ण अंग है। तुलसी जी को देवी और धर्मपत्नी के रूप में पूजा जाता है और उन्हें पूजा करने से भगवान विष्णु के कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
Tulsi Mata Aarti का पाठ करने से मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है। यह हमें दया, क्षमा, और साधुता की भावना से भर देता है और हमारे चित्त को पवित्र करता है।
तुलसी माता को विष्णु भगवान की पत्नी माना जाता है और उनकी पूजा करने से वैवाहिक सुख, परिवार की समृद्धि, और आरोग्य की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु के अनुग्रह को प्राप्त करने के लिए तुलसी आरती का पाठ किया जाता है।
Source: Bhajan Shrinkhla
॥ तुलसी माता आरती लिरिक्स ॥ Tulsi Mata Aarti Lyrics॥
तुलसी माता को एक पवित्र पौधे की तरह माना जाता है, और इसे अपने घर में लगाने से भी विशेष लाभ होता है। तुलसी के पौधे को जल और पूजा अर्चना के लिए चढ़ाई जाती है, जिससे घर की वातावरण शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण होती है।
जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
सब योगों से ऊपर,
सब रोगों से ऊपर ।
रज से रक्ष करके,
सबकी भव त्राता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
बटु पुत्री है श्यामा,
सूर बल्ली है ग्राम्या ।
विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे,
सो नर तर जाता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
हरि के शीश विराजत,
त्रिभुवन से हो वंदित ।
पतित जनों की तारिणी,
तुम हो विख्याता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
लेकर जन्म विजन में,
आई दिव्य भवन में ।
मानव लोक तुम्हीं से,
सुख-संपति पाता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
हरि को तुम अति प्यारी,
श्याम वर्ण सुकुमारी ।
प्रेम अजब है उनका,
तुमसे कैसा नाता ॥
हमारी विपद हरो तुम,
कृपा करो माता ॥
॥ जय तुलसी माता…॥
जय जय तुलसी माता,
मैया जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता,
सबकी वर माता ॥