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श्री राधा चालीसा (Shree Radha Chalisa) Hindi PDF Download

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Radha Chalisa एक प्रसिद्ध हिंदी धार्मिक स्तोत्र है, जो श्रीमती राधा रानी की महिमा और उनके प्रेम भक्ति भाव की प्रशंसा करता है। राधा रानी हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य प्रेमिका एवं सर्वप्रिय देवी मानी जाती हैं और उन्हें प्रेम और भक्ति की प्रतीक भी माना जाता है। Radha Chalisa को विशेषकर राधा आष्टमी, जन्माष्टमी और अन्य राधा जयंती के अवसर पर भक्तों द्वारा पाठ किया जाता है।

Source: Nova Spiritual India

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॥ श्री राधा चालीसा लिरिक्स ॥ Shree Radha Chalisa Lyrics॥

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॥ दोहा॥

श्री राधे वुषभानुजा, भक्तनि प्राणाधार ।
वृन्दाविपिन विहारिणी, प्रानावौ बारम्बार ॥

जैसो तैसो रावरौ, कृष्ण प्रिय सुखधाम ।
चरण शरण निज दीजिये, सुन्दर सुखद ललाम ॥

॥ चौपाई ॥

जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा ।
कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥

नित्य विहारिणी श्याम अधर ।
अमित बोध मंगल दातार ॥

रास विहारिणी रस विस्तारिन ।
सहचरी सुभाग यूथ मन भावनी ॥

नित्य किशोरी राधा गोरी ।
श्याम प्रन्नाधन अति जिया भोरी ॥

करुना सागरी हिय उमंगिनी ।
ललितादिक सखियाँ की संगनी ॥

दिनकर कन्या कूल विहारिणी ।
कृष्ण प्रण प्रिय हिय हुल्सवानी ॥

नित्य श्याम तुम्हारो गुण गावें ।
श्री राधा राधा कही हर्शवाहीं ॥

मुरली में नित नाम उचारें ।
तुम कारण लीला वपु धरें ॥

प्रेमा स्वरूपिणी अति सुकुमारी ।
श्याम प्रिय वृषभानु दुलारी ॥

नावाला किशोरी अति चाबी धामा ।
द्युति लघु लाग कोटि रति कामा ॥10

गौरांगी शशि निंदक वदना ।
सुभाग चपल अनियारे नैना ॥

जावक यूथ पद पंकज चरण ।
नूपुर ध्वनी प्रीतम मन हारना ॥

सन्तता सहचरी सेवा करहीं ।
महा मोड़ मंगल मन भरहीं ॥

रसिकन जीवन प्रण अधर ।
राधा नाम सकल सुख सारा ॥

अगम अगोचर नित्य स्वरूप ।
ध्यान धरत निशिदिन ब्रजभूपा ॥

उप्जेऊ जासु अंश गुण खानी ।
कोटिन उमा राम ब्रह्मणि ॥

नित्य धाम गोलोक बिहारिनी ।
जन रक्षक दुःख दोष नासवानी ॥

शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।
पार न पायं सेष अरु शरद ॥

राधा शुभ गुण रूपा उजारी ।
निरखि प्रसन्ना हॉट बनवारी ॥

ब्रज जीवन धन राधा रानी ।
महिमा अमित न जय बखानी ॥ 20

प्रीतम संग दिए गल बाहीं ।
बिहारता नित वृन्दावन माहीं ॥

राधा कृष्ण कृष्ण है राधा ।
एक रूप दौऊ -प्रीती अगाधा ॥

श्री राधा मोहन मन हरनी ।
जन सुख प्रदा प्रफुल्लित बदानी ॥

कोटिक रूप धरे नन्द नंदा ।
दरश कारन हित गोकुल चंदा ॥

रास केलि कर तुम्हें रिझावें ।
मान करो जब अति दुःख पावें ॥

प्रफ्फुल्लित होठ दरश जब पावें ।
विविध भांति नित विनय सुनावें ॥

वृन्दरंन्य विहारिन्नी श्याम ।
नाम लेथ पूरण सब कम ॥

कोटिन यज्ञ तपस्या करुहू ।
विविध नेम व्रत हिय में धरहु ॥

तू न श्याम भक्ताही अपनावें ।
जब लगी नाम न राधा गावें ॥

वृंदा विपिन स्वामिनी राधा ।
लीला वपु तुवा अमित अगाध ॥ 30

स्वयं कृष्ण नहीं पावहीं पारा ।
और तुम्हें को जननी हारा ॥

श्रीराधा रस प्रीती अभेद ।
सादर गान करत नित वेदा ॥

राधा त्यागी कृष्ण को भाजिहैं ।
ते सपनेहूं जग जलधि न तरिहैं ॥

कीरति कुमारी लाडली राधा ।
सुमिरत सकल मिटहिं भाव बड़ा ॥

नाम अमंगल मूल नासवानी ।
विविध ताप हर हरी मन भवानी ॥

राधा नाम ले जो कोई ।
सहजही दामोदर वश होई ॥

राधा नाम परम सुखदायी ।
सहजहिं कृपा करें यदुराई ॥

यदुपति नंदन पीछे फिरिहैन ।
जो कौउ राधा नाम सुमिरिहैन ॥

रास विहारिणी श्यामा प्यारी ।
करुहू कृपा बरसाने वारि ॥

वृन्दावन है शरण तुम्हारी ।
जय जय जय व्र्शभाणु दुलारी ॥ 40

॥ दोहा ॥

श्री राधा सर्वेश्वरी, रसिकेश्वर धनश्याम ।
करहूँ निरंतर बास मै, श्री वृन्दावन धाम ॥

॥ इति श्री राधा चालीसा ॥

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श्री Radha Chalisa की महत्वपूर्ण विशेषताएं

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Radha Chalisa एक प्रसिद्ध हिंदी धार्मिक स्तोत्र है, जो श्रीमती राधा रानी की महिमा और उनके प्रेम भक्ति भाव की प्रशंसा करता है। राधा रानी हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य प्रेमिका एवं सर्वप्रिय देवी मानी जाती हैं और उन्हें प्रेम और भक्ति की प्रतीक भी माना जाता है। Radha Chalisa को विशेषकर राधा आष्टमी, जन्माष्टमी और अन्य राधा जयंती के अवसर पर भक्तों द्वारा पाठ किया जाता है।

Radha Chalisa

राधा रानी की प्रशंसा: Radha Chalisa के पाठ से भक्त श्रीमती राधा रानी की प्रशंसा करते हैं और उनके दिव्य प्रेम भक्ति भाव की स्तुति करते हैं।

श्रीकृष्ण भक्ति: Radha Chalisa के पाठ से भक्तों को श्रीकृष्ण के प्रिय भक्त राधा रानी के प्रेम भाव की प्रेरणा मिलती है।

राधा आष्टमी और जन्माष्टमी: Radha Chalisa को राधा आष्टमी, जन्माष्टमी और राधा जयंती के अवसर पर पढ़ने से भक्तों को राधा रानी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।

प्रेम भक्ति: Radha Chalisa के पाठ से भक्तों की प्रेम भक्ति और भगवान के प्रति उनकी आस्था में वृद्धि होती है।

धर्मिक सम्मान: Radha Chalisa के पाठ से भक्त की धर्मिक सम्मानता विकसित होती है और उन्हें धर्मिक कर्तव्यों के प्रति समर्पित होने का बोध होता है।

इस प्रकार, Radha Chalisa राधा आष्टमी, जन्माष्टमी और राधा जयंती के अवसर पर भक्तों के लिए एक प्रमुख धार्मिक पाठ है, जो उन्हें श्रीमती राधा रानी की महिमा, प्रेम भक्ति, धर्मिक सम्मान, और भगवान के प्रति उनकी आस्था के लिए प्रेरित करता है।

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